छठ पूजा : सूर्य उपासना का महापर्व 07 Nov. 2024
इतिहास (History):
छठ पूजा की शुरुआत का ठीक-ठीक पता नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह वैदिक काल से मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम, द्रौपदी और राजा सप्तदथ ने सूर्य देव की उपासना की थी. वहीं एक कथा राजा प्रियवंद से जुड़ी है, जिन्होंने संतान प्राप्ति के लिए छठी मैया की पूजा की थी.
किसे पूजा जाता है (Who is Worshipped):
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है. सूर्य को जीवन का आधार माना जाता है और छठी मैया को उषा (सुबह) और संध्या (शाम) की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है.
स्थान और समय (Setting and Time):
छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाई जाती है. यह साल में दो बार आती है – चैत्र शुक्ल पक्ष और कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत रखने वाले और साथ में पूरा परिवार नदियों, तालाबों या घाटों पर पूजा अर्चना करते हैं.
पात्र (Characters):
इस पर्व में कोई भी व्यक्ति श्रद्धा रखता है, व्रत रख सकता है. इसमें महिलाओं की अहम भूमिका होती है.
विवरण (Description):
छठ पूजा प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ एक कठिन व्रत है. इसमें सफाई और पवित्रता का बहुत ध्यान रखा जाता है. पूजा की सामग्री को नए सूप और दउरा (बांस की टोकरी) में रखा जाता है. ठेकुआ, गुड़ की रोटी, चावल के लड्डू और फल जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शाम और सुबह के समय नदियों या तालाबों पर जाते हैं.
कार्य (Activities):
- पूजा की तैयारी
- व्रत रखना
- नदी या तालाब में स्नान
- सूर्य को अर्घ्य देना
- प्रसाद चढ़ाना
- लोकगीत गाना
महत्व (Significance):
छठ पूजा सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व है. यह सूर्य के प्रकाश, ऊर्जा और जीवन के लिए धन्यवाद देने का अवसर है. साथ ही यह पर्व परिवार, सौहार्द और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है.